अग्निपथ अभ्यार्थी को आगरा पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में मारा! कोर्ट ने दिए FIR के आदेश

 


आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस पर फेक एनकाउंटर का आरोप लगा है. आगरा की एक कोर्ट ने पुलिस को फर्जी मुठभेड़ का केस दर्ज करने का आदेश दिया है. दरअसल मध्य प्रदेश के 20 वर्षीय युवक की मां ने आरोप लगाया था कि उसके बेटे की आगरा पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर कर गोली मार हत्या कर दी. युवक को तीन गोलियां मारी गई थी. घटना के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां ज्यादा खून बहने के कारण युवक को ब्लड की जरूरत पड़ी तो पुलिसकर्मियों ने उसे ब्लड डोनेट किया. लेकिन युवक की जान नहीं बच सकी.

मां का आरोप है कि बेटे ने मरने से पहले बातचीत के दौरान बताया था कि उसे सादा कपड़े पहने पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया था, उसे नहीं पता ऐसा उसके साथ क्यों किया गया. मां ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने पहले बेटे को किडनैप किया और फिर उसे गोली मार दी. ये मामला तकरीबन 6 महीने पुराना है, लेकिन आगरा के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट के पुलिस को कथित फेक एनकाउंटर केस में एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने के बाद, एक बार फिर से इस मामले ने आग पकड़ ली है.

अग्निपथ भर्ती की तैयारी कर रहा था आकाश
पीड़िता के वकील भरतेंद्र सिंह ने कहा कि ‘आगरा में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने पुलिस को शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है. आगरा पुलिस आयुक्त को इस संबंध में एक स्वतंत्र जांच कराने का भी निर्देश दिया है.’ वकील ने बताया कि मृतक आकाश गुर्जर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के गढ़ौरा का रहने वाला था. वकील के मुताबिक वह अग्निपथ भर्ती की तैयारी कर रहा था और 26 सितंबर 2022 की शाम को अपने चचेरे भाई विष्णु जो केंद्रीय आयुध डिपो में काम करता है, के साथ रहने के लिए घर से निकला था, लेकिन 27 सितंबर को इरादतनगर पुलिस ने परिजनों को सूचना दी कि वह मुठभेड़ में मारा गया है.

वहीं इस मामले में पुलिस उपायुक्त सोनम कुमार ने कहा कि अभी इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पहली दृष्टि में देखने पर ये फर्जी एनकाउंटर नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे.


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