शाहजहांपुर: कटरा के चिलौआ में चार दिवसीय देवी मेला 3 अप्रैल से होगा शुरू



ऐतिहासिक महत्ता के लिए सुविख्यात क्षेत्र के गांव चिलौआ स्थित मां काली देवी मंदिर पर चार दिवसीय मेला इस बार लगेगा जिसकी तैयारियां जोरो से शुरु हो गयी है। जोकि  इस बार 3 अप्रेल से शुरू होकर 6 अप्रैल को समापन होगा।  इस मेले मे मां के दरबार आने के लिए दूर दूर तक के लोग इस मेले का इंतजार करते है। उनकी मुराद तीन अप्रैल को पूर्ण हो जाऐगी। 

कटरा - फर्रुखाबाद स्टेट हाईवे से करीब एक किलोमीटर पूरब दिशा में बसा गांव चिलौआ इस प्राचीन मंदिर के कारण दूर-दूर तक विख्यात है। हर वर्ष चैत्र मास शुक्ल पक्ष के तेरस पर्व से इस मेले की होने वाली शुरुआत होती है। इस वर्ष यह मेला 3 अप्रैल से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल तक चलेगा। मंदिर के साथ ही हर साल यहां लगने वाला मेला भी हजारों साल पुराना बताया जाता है। मेले का प्रमुख आकर्षण यहां होने वाला दंगल होता था। जो कोरोना काल से बंद है इस बार रासलीला की तैयारीयां शुरू हो गयी है। जिसे लोग दूर दूर से देखने आते है। मंदिर मे दुर्गा जागरण भी होता है। तमाम दुकानदार भी मेला स्थल पर पहुंचने के लिए अभी से तैयारियां शुरु कर दी है। मेले में मेला प्रबंधक श्री प्रवेश कुमार मिश्रा,( 9794504390 )और सभी ग्राम वासियों का सहयोग रहेगा। मेले में पुलिस व्यवस्था भी रहेती है जिसके लिए मेला प्रबंधक द्वारा वृहस्पति वार को सूचना दे दी गयी है। गर्मी की वजह से पानी की भी उचित व्यवस्था की जाती है।

‘मेला निकल जइये, फिर फरिया उढ़नियां को का हुइयै।’

वर्षों पुरानी यह कहावत आज भी चलन में है। बताते हैं कि इस कहावत की शुरुआत चिलौआ में स्थित देवी मां के मंदिर से हुई थी। प्राचीन समय में इस क्षेत्र में रुहेला सरदारों के शासन के दौरान घटित हुए एक वाकये से ही इस कहावत का जन्म हुआ। मुराद पूरी होने पर भक्तों की और से देवी मइया को फरिया उढ़निया चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। मेले में इसकी कई दुकानें लगती हैं। तमाम लोग मइया के इन वस्त्रों को स्वयं तैयार करके भी लाते हैं।

रिपोर्ट - अजीत मिश्रा शाहजहांपुर

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