इटावा - घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना से परेशान महिलाएं अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की निशुल्क सहायता ले सकती हैं ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल के निर्देश पर ब्लॉक महेवा के सभागार में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मीटिंग को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के स्वयंसेवक अश्विनी त्रिपाठी ने कही।
उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट अब घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की देखरेख विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से कर रहा है किसी भी महिला को निकटतम रिश्तेदार या परिजन के द्वारा मानसिक रूप से ,शारीरिक रूप से भावनात्मक रूप से , मनोवैज्ञानिक रूप से,मौखिक रुप से, या यौन हिंसा के रूप में यदि प्रताड़ित किया जाता है तो यह भी घरेलू हिंसा ही समझी जाएगी जिसमें निकटतम परिजन पत्नी, माता, बहन ,बेटी को किसी भी परिजन के द्वारा यदि प्रताड़ित किया जाता है तो वह घरेलू हिंसा के तहत अपराधी समझा जाएगा।
महिलाओं को सम्बोधित करते हुए प्राविधिक स्वयं सेवक राजेंद्र बाबू त्रिपाठी ने कहा कि विरलतम मामलों को छोड़कर किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता गर्भावस्था के दिनों में आपको 6 महीने का अवकाश भी सवेतन दिया जाएगा ।
उन्होंने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप लोग अपनी बच्चियों को अवश्य पढ़ाए शिक्षा से सब कुछ हासिल किया जा सकता है तथा अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी जा सकती है ।
श्री त्रिपाठी ने दहेज से परेशान महिलाओं को बताया कि यदि आपके गांव में परिवार में रिश्तेदारी में कोई भी महिला दहेज की खातिर अपने ससुरारी जनों से परेशान हैं तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की निशुल्क सहायता ले सकती हैं उन्हे प्राधिकरण की तरफ से निशुल्क वकील अपनी पैरवी करने के लिए दिलाया जाएगा ।
उपरोक्त संगोष्ठी की अध्यक्षता श्रीमती संजीदा वेगम ने की तथा संचालन समाजसेवी सतीश नागर ने किया इस अवसर पर कमलेश कुमारी, नीलम,सुलेखा, पूनम देवी,सुनीता दिवाकर, विनीता तिवारी,,अनार कली,प्रेमलता यादव,,रचना,साबित्री देवी,सहित सैकड़ो महिलाएं और लोग उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट संजीव भदौरिया ब्यूरो चीफ इटावा
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