शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर पडरिया तुला के शहीद स्मारक पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन


न मंदिर मस्जिद न हमको गुरुद्वार चाहिए,बेरोजगार हूं साहब जी रोजगार चाहिए

बिजुआ खीरी -शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर पडरियातुला के शहीद स्मारक पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन बिजुआ पत्रकार संघ की तरफ से किया गया। जिसमें सामाजिक सद्भाव, समरसता की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम का शुभारंभ देशभक्ति के गीतों से हुआ। जिसमें क्षेत्र के लाल और देश मे अपनी आवाज से लोगो को कायल करने वाले संगम भारती के ओ जाते हुए लम्हे गीत से हुई। इसके बाद कवि सम्मेलन का शुभारंभ  निश्वार्थ सेवा संस्थान के प्रमुख जसपाल सिंह पाली के द्वारा शहीद स्तम्भ पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता समाज सेवी सिद्धार्थ शुक्ला ने की। कवि सम्मेलन का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदन से अंतरराष्ट्रीय कवियत्री व शायरा रंजना सिंह हया ने किया। इसके बाद काव्य पाठ करने आये वीर रस के पहले कवि नाजिम नदीम ने अपनी कविताओं से लोगो को खड़े होकर ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने सबसे पहले "प्राण वतन के स्वाभिमान के लिए हारते  चले  गए। मां भारती की आरती किंतु लाल उतारते  चले  गए
याद करो सुखदेव भगत सिंह राजगुरु की कुर्बानी को
 जो वंदेमातरम फांसी के तख्त पे पुकारते  चले  गए से युवाओं को अपनी ओर ध्यान आकर्षित करवाया तो उनकी दूसरी कविता *करो मेहनत न खाओ तुम कभी हराम के जैसा।
सदा चलते रहो तुम न रुको विराम के जैसा
बहुत राजा हुए जन्में यहाँ की भूमि पर यारों
मगर राजा हो तो राजा प्रभु राम के जैसा पर लोगो ने जय श्री राम के नारे लगा लगाकर खूब हौसलाअफजाई की,तो वही अवधी के युवा कवि संदीप कटियार ने मौजूदा युवाओं के दर्द को कुछ इस तरह बयां किया न मंदिर मस्जिद न हमको गुरुद्वार चाहिए,बेरोजगार हूं साहब जी रोजगार चाहिए

अपनी काव्य प्रतिभा का परिचय दिया। तो वही ओज की दुनिया मे जाना माना नाम कनक तिवारी गोला ने *कोई तालाब दुनिया का समंदर भर नही सकता,अगर यह सत्य है अपना भगत सिंह मर नही  सकता* जैसे सब्दो से लोगो की खूब तालियां बटोरी, वही अवधी के बड़े कवि फारूक सरल ने कहा प्रतिष्ठा पद न वे रुतबा न ये धन धाम रहता है,जहा में हम नही रहते हमारा काम रहता है
करे जो मन से जन सेवा वतन सेवा भुवन सेवा,अमर संसार मे उसका हमेशा नाम रहता है* से लोगो को विवश कर दिया ताली बजाने पर सभी श्रोतागण देर रात्रि तक इस कवि सम्मेलन का आनन्द लिया , इस अवसर पर दूर दराज व क्षेत्र के गणमान्य लोग व भारी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।

रिपोर्ट - नागेंद्र प्रताप शुक्ल 

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