नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म मासूम सवाल के निर्माताओं को उस मामले में राहत देने से इंकार कर दिया, जिसमें सेनेटरी पैड पर एक देवता को दिखाने वाले पोस्टर को लेकर दर्ज मुकदमों और शिकायतों को एकसाथ करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश जारी करने से इंकार करते हुए उनकी याचिका का निपटारा कर दिया.
याचिका नक्षत्र 27 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के रंजना उपाध्याय और संतोष उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. येदोनों ही फिल्म के निर्माता और निर्देशक हैं.
एक ही जगह मुकदमा चलाने की अपील
रंजना उपाध्याय और संतोष उपाध्याय ने याचिका में दलील दी थी कि उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए कई मुकदमें और शिकायतें अलग-अलग स्थानों में दर्ज कराई गई हैं. ऐसे में सभी मामलों को एक जगह क्लब कर दिया जाए और मुकदमा भी एक ही जगह चले.
सुप्रीम कोर्ट ने किया याचिका का निपटारा
वहीं इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय बेंच ने याचिकाकर्ताओं को सक्षम प्राधिकार के पास कानून के मुताबिक उचित उपाय अपनाने की छूट प्रदान करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया. इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ केवल एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें जांच पूरी करने के बाद आरोप पत्र दायर किया गया था.
याचिकाकर्ताओं की मांग उचित नहीं: सुप्रीम कोर्ट
अदालत को बताया गया कि अन्य शिकायतों पर कोई औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि केवल एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसके परिणामस्वरूप चार्जशीट हुई. इस पर अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की मांग उचित नहीं.
सही
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