खबर जनपद बरेली से मुख्यमंत्री योगी ने दिए सख्त निर्देश,गोकशी पूरी तरह हो बंद
आपको बताते चलें कि गोकशी की घटनाओं में जब इजाफा होता है तो कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करने का खेल किया जाता रहा है, जिसके तहत कुछ पुराने मामलों के अपराधियों की धरपकड़ को गुडवर्क मान लिया जाता है।
प्रदेश के बरेली जनपद में एक कैबिनेट मंत्री के इलाके में पिछले दिनों एक ही रात में 25 पशुओं के अवशेष मिले। यानी तस्करों के इतने हौसले बुलंद हैं कि बड़ी संख्या में पशुओं की हत्या कर अवशेष फेंके गए। गोकशी को लेकर कई जनपदों में पहले लॉ इन आर्डर की घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी कुछ जनपदो के जिम्मेदार थोड़ा भी संवेदनशीलता नहीं दिखा रहे हैं।
बरेली में गोकशी की बढ़ती घटनाओं से नाराज एडीजी ने बरेली के बहाने सभी 9 जिलों के पुलिस कप्तानों से पूछा है कि गो तस्करों पर अभी तक क्या कार्रवाई हुई है। एडीजी ने 10 साल से गोकशी में संलिप्त अपराधियों का सत्यापन कराया है। दस साल में 22,397 अपराधी गोकशी मामलों में जोनभर में संलिप्त पाये गए, जिनमें 21,771 का सत्यापन हो गया है। 1,533 जेल में हैं। 18, 499 जिलों में मौजूद हैं। 1,462 लापता हैं। 226 मृत हैं। 626 ऐसे अपराधी हैं जो गैर जनपद और दूसरे प्रांतों के हैं, उनका सत्यापन अभी शेष है। आंवला सर्किल में गोकशी की हुई घटना पर पुलिस की ओर से त्वरित टिप्पणी करते हुए कह दिया गया कि जानवरों के अवशेष बाहर से लाकर डाले गए हैं।
इस पर एडीजी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि घटनाओं का पूरी तरह से अनावरण करने के बजाए इस तरह की त्वरित टिप्पणी करने से जिम्मेदार बाज नही आएं। घटनाओं को रोकने और उनका खुलासा करने में जिम्मेदार अधिकारी अपनी रूचि दिखाएं।
मौके पर ही विवेचना करने में दिलचस्पी ना लें। हालांकि, गत वर्ष से अभी तक 1405 तस्करों पर गुंडा एक्ट, 1208 पर गैंगस्टर एक्ट, दो तस्करों पर एनएसए लगाया गया है। 79 गैंग रजिस्टर्ड हुये हैं। 568 तस्करों की हिस्ट्री शीट खोलने के साथ ही 84 जेल बंद किये गये हैं। और 15 करोड़ 52 लाख 74 हजार 133 रूपए की संपत्ति भी जब्त की गई है।
बरेली से ब्यूरो चीफ आचार्य संजीव कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
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