गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक फर्जी दारोगा वसूली करते पकड़ा गया. पूछताछ में पता चला कि बीसीए पास करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली तो उसने तीन हजार रुपए की पुलिस की वर्दी खरीदी और चौराहों और चेक पोस्ट पर वसूली का खेल शुरु कर दिया. कंधों पर दो स्टार और रौब जमाते देख लोग भी इसके झांसे में आ जाते थे. इस बीच पुलिस को इस फर्जी दारोगा की वसूली की भनक लगते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, फर्जी दारोगा अपूर्व राय इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट(आईटीएम)गीडा में बीसीए का छात्र है. कुशीनगर जिले के तरयासुजान का निवासी पिता अजय शंकर राय किसानी करके परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. अपूर्व राय ने अपने घर वालों को बताया कि वो मुरादाबाद में पुलिस की ट्रेनिंग ले रहा है. लेकिन असल में वो फर्जी दारोगा बनकर वसूली करता पकड़ा गया.
तीन साल से परिवार से दूर, वसूली के रुपयों से गुजारा
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो तीन साल से कुशीनगर निवासी परिवार से दूर गोरखपुर में रह रहा है. वसूली के रुपयों से फर्जी दारोगा अपना गुजारा कर रहा था. लोगों पर रौब झाड़ने के लिए पुलिस की वर्दी और फेक आईकार्ड भी बनवा रखा था. इतना ही नहीं सोशल मीडिया में भी अपनी प्रोफाइल पर पुलिस की वर्दी में तस्वीरें अपलोड की हुई थी. मामले में इंस्पेक्टर रामगढ़ताल शशिभूषण राय का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, उससे पूछताछ की जा रही है. आगे की कार्रवाई भी जारी है.
पिता किसान, इंजीनियर बेटा बन गया फर्जी दारोगा
किसान पिता ने कड़ी मेहनत से बेटे अपूर्व राय को कंप्यूटर इंजीनियर बनाया. लेकिन जब अपूर्व को नौकरी नहीं मिली तो उसने वसूली का रास्ता अपनाने की सोची. उसके लिए पुलिस की वर्दी का जुगाड़ किया और चौराहों और चेक पोस्ट पर अपने मंसूबों को अंजाम देने लगा.
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