राष्ट्र रक्षा और धर्म रक्षा के लिए प्राणों का का बलिदान कर देना ही जीवन को सार्थक करता है - राजू दास जी महाराज


राष्ट्र रक्षा और धर्म रक्षा लिए प्राणों का का बलिदान कर देना ही जीवन को सार्थक करता है - राजू दास जी महाराज

 इटावा - भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता भारत कल भी हिंदू राष्ट्र था आज भी है भविष्य में भी रहने वाला है हम संविधानिक तरीके से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे और भारत सदैव से ही हिंदू राष्ट्र रहा है और रहेगा जो सनातन के मार्ग में बाधा बाधक बन कर आएगा उसे हम   हनुमान जी के  तरीके से निपटाएंगे ।
       उक्त उद्गार आज बकेवर की धरती पर पधारे अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत संत राजू दास महाराज जी ने व्यक्त किए।

       उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी कीमत पर धर्मांतरण नहीं होना चाहिए किसी बेटी के 35 टुकड़े नहीं होने चाहिए हर व्यक्ति को आपने बच्चों को समझाना चाहिए उन्होंने कहा भारत सनातन संस्कृति को रखने वाला देश है रामचरितमानस का विरोध करने और रामायण जलाने वाले लोगों को बाबर की औलाद का उन्होंने कहा हमें अन्य धर्मों से ज्यादा इन लोगों से खतरा है जो नाम तो हिंदुओं का रखते हैं और काम बाबर का करते हैं भारत को इस बाबर वादियों से बचाना होगा हमें हमारी गाय गंगा और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए यदि अपने प्राणों की आहुति भी देना पड़े तो हमें दे देनी चाहिए। 

उन्होंने कहा हर हिंदू को हम दो और हमारे 4 का नारा देना चाहिए अपने चार बेटों में से एक बेटे को देश की सेवा के लिए सेना में भेजना चाहिए एक बेटे को सनातन की रक्षा के लिए समर्पित कर देना चाहिए और दो बेटे अपनी सेवा में रखें उन्होंने कहा कि भारत जैसा देश पूरी सृष्टि पर देखने को नहीं मिलता जहां राम और कृष्ण अवतरित हुए जहां गंगा बहती है जहां जमुना बहती है जहां सरस्वती बहती है ऐसे स्वर्ग से भी महान संस्कृति मान भारत की हमें पूजा करनी चाहिए भारतीय संस्कृति भारतीय सभ्यता से हमें सपने में भी विमुख नहीं होना चाहिए बल्कि इसकी रक्षार्थ हमें तन मन धन ही नहीं सर्वस्व निछावर भी करना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।

 इससे पूर्व रविदास महाराज जी के बकेवर आगमन पर बाईपास पुल से ही जय श्रीराम के नारे लगाते हुए उनका भव्य स्वागत किया गया एवं छतों और कार्यों से गुलाब की पंखुड़ियों को वर्षा कर उन्हें भव्य स्वागत किया गया ।

रिपोर्ट - संजीव भदौरिया ब्यूरो चीफ इटावा

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