आपको बताते चलें कि बरेली के कस्बा फरीदपुर के श्री सनातन धर्म सत्संग भवन आश्रम के वार्षिकोत्सव पर आयोजित पंच दिवसीय संत सम्मेलन सानंद संपन्न हुआ जिस सम्मेलन के अंतिम दिन पंडित बृजेश पाठक "रामायणी" ने कहा भगवान राम अत्यंत कृपालु हैं सब पर कृपा करते हैं पर जिसके मन में छल कपट है प्रभु राम की कृपा उसके लिए संभव नहीं है। श्री राम की घोषणा है।
निर्मल मन जन सो मोहि पावा !मोहि कपट छल छिद्र न भावा !!
छल कपट के साथ प्रभु राम अपने भक्त हनुमान को भी स्वीकार नहीं करते!
रामायण में लिखा है हनुमान जी जब पहली बार प्रभु राम से मिले थे तब हनुमान जी कपटता के साथ ब्राह्मण रूप में मिले थे अत: जब वह प्रभु राम के चरणों में गिरे तो प्रभु राम ने उन्हें उठाकर हृदय से नहीं लगाया लेकिन जब अपने वानर रूप में आए तभी अपने हृदय से लगाया! मानो प्रभु राम ने बताया असली तो वानर भी मुझे अच्छा लगता है !पर कपटी ब्राह्मण भी मुझे प्रिय नहीं है!
भक्ति के लिए निष्कपट होना परम आवश्यक है !
हरिद्वार से पधारे स्वामी जगदीश्वरानंद जी द्वारा भी आशीर्वचन प्रदान किए गए! बरेली से आए लव और कुश ने भी मनोहर भजनों से वातावरण को भक्ति से सराबोर किया !संस्था के अध्यक्ष बद्री विशाल अग्रवाल ने संतों एवं श्रोताओं का आभार व्यक्त किया !विष्णु यज्ञ एवं भंडारे के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
बरेली से ब्यूरो चीफ आचार्य संजीव कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
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