लखनऊ महानगर थाना क्षेत्र के रानी लक्ष्मी बाई इंटर कालेज की कक्षा 11 की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी. इस मामले में परिजनों ने स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज करवाई है. परिजनों का आरोप है कि नकल करने की बात को लेकर छात्रा को जलील किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर छात्रा ने आत्महत्याकर दी.
एक तरफ एग्जाम का प्रेशर और उस पर दिन और रात पढ़ाई, उसके बाद स्कूल प्रशासन की सख्ती छात्र-छात्राएं दिमागी संतुलन खो देते हैं. ऐसे में राजधानी लखनऊ की एक घटना सामने आई. एक 11वीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल प्रशासन व टीचर की प्रताड़ना के बाद अपनी जान दे दी. इधर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार ऐसे स्कूलों पर व टीचरों पर कार्रवाई कर रही है, जो बच्चों पर प्रेशर डालते हैं और सख्ती करते हैं.
स्कूल बुलाकर किया प्रताड़ित, बेटी के पिता ने लगाया आरोप
आरोप है कि वायरलेस पुलिस में तैनात एसआई प्रदीप यादव की बेटी ने रानी लक्ष्मीबाई स्कूल की प्रिंसिपल और टीचर की प्रताड़ना से परेशान होकर खुदकुशी कि थी. मृतक छात्रा के पिता एसआई प्रदीप यादव का आरोप है कि उन्हें स्कूल बुलाया गया और उनकी पत्नी और उन्हें प्रताड़ित किया गया. जिससे स्तब्ध होकर बेटी ने खुदकुशी कर ली. एसआई की तहरीर पर देर रात महानगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस का कहना है मामले की पड़ताल की जा रही है.
महानगर थाने पर दी गई तहरीर में प्रदीप ने बताया बेटी ईशा यादव (18) आरएलबी स्कूल की सर्वोदय नगर ब्रांच में कक्षा 11वीं की छात्रा पढ़ती थी उसका मंगलवार को पेपर था. दोपहर 12 बजे रंजना सिंह नाम की टीचर ने फोन कर कॉलेज बुलाते हुए कहा कि ईशा परीक्षा में नकल कर रही थी. डीजीपी का भ्रमण होने की वजह से प्रदीप ने पत्नी को स्कूल जाकर देखने को कहा.
स्कूल पहुंची बेटी की मां को गार्ड ने अंदर जाने नहीं दिया
आरोप है कि स्कूल पहुंची पत्नी को गार्ड ने भीतर जाने नहीं दिया. करीब एक घंटे वहीं रुकने के बाद पत्नी लौट आई. दोपहर में जब प्रदीप घर पहुंचे तो पता चला कि स्कूल प्रसाशन ने पत्नी को बेटी से मिलने नहीं दिया. इसके बाद प्रदीप स्कूल पहुंचे तो ईशा अकेले एक स्टूल पर बैठकर पेपर दे रही थी. उन्होंने बेटी से बात करनी चाही तो क्लास में मौजूद टीचर ने मना कर दिया. इसके बाद प्रदीप प्रिंसिपल रूम में गए, आरोप है कि प्रिंसिपल ने उन्हें अपमानित किया. बेटी को बुलाया और करीब घण्टों तक दोनों को अलग-अलग बैठाए रखा. प्रदीप ने आरोप लगाया है कि ईशा को क्लास टीचर और प्रिंसिपल ने शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है.
स्कूल से घर आकर छात्रा ने लगाई फांसी
प्रदीप ईशा को लेकर दोपहर ढाई बजे घर पहुंचे और खाना खाकर ड्यूटी पर लौट गए. टीचर और प्रिंसिपल की बातों से ईशा काफी परेशान थी. वह बिना कुछ खाए पिए अपने कमरे में चली गई. देर शाम प्रदीप की पत्नी बाजार चली गई,दूसरी बेटी अपने कमरे में थी,जबकि प्रदीप की मां बाहर बैठी थी. इस बीच ईशा ने लैगी के सहारे लोहे के रॉड फांसी लगा ली. बुलाने पहुंचे परिवारीजनों ने ईशा को फंदे से लटकता देखा तो होश उड़ गए. आनन-फानन में उसे भाऊ राव देवरस हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
प्रिंसिपल, और कई टीचरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पुलिस का कहना है प्रदीप की तहरीर पर रानी लक्ष्मीबाई स्कूल के प्रधानाचार्य, टीचर रंजना सिंह और अन्य अध्यापकगणों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. फिलहाल मामले की गहनता से छानबीन की जा रही है.
स्कूल प्रशासन व टीचर की एक गलती की वजह से एक पिता ने अपनी बेटी खो दिया, इस घटना के बाद पूरे परिवार का रो रो कर बुरा हाल है. वहीं एक पिता अपनी बेटी के इंसाफ के लिए गुहार लगा रहा है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है और जो भी इस तरह के स्कूल और टीचर हैं उन पर किस तरीके से शिकंजा कसा जाता है?
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