खीरी: देख रेख के अभाव में जर्जर हो रहा पंचायत भवन


देख रेख के अभाव में जर्जर हो रहा पंचायत भवन

आपने पंचायत भवन को ही सही नहीं कर पा रहे ग्राम विकास सचिव ग्राम क्या खाक संभालेंगे


बिजुआ खीरी। जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवनों को हाईटेक किया जा रहा है। पंचायत भवनों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर ऑनलाइन व्यवस्था से लैस करके तरह-तरह की सुविधाएं पंचायत भवन में की जा रही हैं। 

वहीं दूसरी तरफ जनपद लखीमपुर खीरी के ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र में विकास की कार्य योजनाओं को तैयार करने के लिए विकासखंड बिजुआ की ग्राम पंचायत शिवपुरी में चंद वर्ष पूर्व में बना पंचायत भवन देखरेख के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। जिस पर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है।जिससे ग्रामीणों को बैठकें आदि में परेशानी का सामना करना पड़ता है।


प्रदेश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय (पंचायत भवन)का निर्माण लाखों की लागत से कराया गया था । पंचायत भवनों को सजाने और संवारने के साथ ही कंप्यूटर आदि से लैस कर ग्रामीणों को हर सुविधा प्रदान करने का शासनादेश शिवपुरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों लिए सपना साबित हो रहा है। विकासखंड बिजुआ की ग्राम पंचायत शिवपुरी में कुछ वर्ष पूर्व में बना पंचायत भवन आज किसी के काम का नहीं है। पंचायत भवन के अंदर गंदगी बिखरी पड़ी है कूड़े के ढेर लगे हैं।शौचालय की टाइलें ध्वस्त हो गई हैं। कुछ खिड़की दरवाजे चोर उखाड़ ले गए हैं। पंचायत भवन में जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा यह है कि देखरेख के अभाव में पंचायत भवन जर्जर स्थिति में पहुंचता जा रहा है। वही पर ये कहना गलत नहीं होगा जो हर वर्ष रंग रोगन का पैसा आता है वो सभी आपस में बंदर बाट कर लिया जाता है।
 
 पंचायत भवन में बैठकों की बजाए शरारती तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। विभागीय अधिकारी,कर्मचारी,ग्राम प्रधान की लापरवाही का नतीजा यह है कि पंचायत भवन बनने के बाद से आज तक पंचायत भवन में किसी ने भी दोबारा रंगाई पुताई कराना तक उचित नहीं समझा। जबकि ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाए गए हैं। पंचायत भवन में तैनात पंचायत सहायक अपने घर से ही पंचायतों के कार्य देखते हैं।

खंड विकास अधिकारी बिजुआ बिजुआ ने  बताया की पंचायत भवन में ग्राम विकास अधिकारी बैठते हैं ऐसा कुछ भी नहीं है बाकी मैं जानकारी लेकर अभी बता रहा हूं। इन सब बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं जिम्मेदार अधिकारी अपने कार्यों को लेकर के कितने एक्टिव हैं.

वही ग्रामीणों ने बताया की जब से पंचायत भवन बना है तब से यहाँ पर कोई भी बैठक नहीं हुई न ही दुबारा रगाई पुताई करवाई गई. जब किसी के वहाँ बारात आती है तब ग्रामीण  लोग साफ सफाई कर यहाँ पर बारात रोकने के लिए व्यवस्था करते है बाकी इसमें कोई भी अधिकारी नहीं बैठता है.

रिपोर्ट - नागेंद्र प्रताप शुक्ल 

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