गावँ की हर महिला, पुरुष ,हर वर्ग को कपड़े देकर त्योहार की दी जाती हैं
शुभकामनाएं स्व रामतीर्थ की डाली गई परम्परा को पूर्व ब्लाक प्रमुख और सास प्रधान विलासोदेवी ने बढ़ाया वर्ष 2023 की होली पर पर 7 मुस्लिम महिलाओं, 53 हिन्दू महिलाओं को वितरित किये कपड़े पुरूषों को वितरित किये कुर्ता पैजामा और पेंट शर्ट के साथ ही सफारी सूट देकर होली की दी गई शुभकामनाएं जिले के धन्नासेठों को लेना चाहिए सबक
शाहजहाँपुर जिले में होली पर्व को लेकर देश दुनिया मे चर्चा यू ही नही होती है। यहां हर वर्ग आपस मे मिलकर होली पर्व मनाने की सैकड़ो वर्ष पुरानी परंपरा है। अनेक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से कपड़े मिठाई इत्यादि वितरित कर होली पर मनाते हुए देखा जा सकता है। जिला मुख्यालय के नजदीक ब्लाक ददरौल के ग्राम बलेली में प्रधान विसलो देवी वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है। विलास देवी के पुत्र स्व रामतीर्थ के द्वारा हर त्योहार को एक साथ मिलकर मनाने की पूर्व में परम्परा डाली गई थी। अब रामतीर्थ कई वर्षों पूर्व दुनिया से अलविदा कहकर चले गए थे। गांव की एकता की परंपरा उनकी बहू पूर्व ब्लाक प्रमुख क्षमा वर्मा सहित उनके परिवार के द्वारा आगे बढ़ाते हुए आज भी हर त्योहार समूचा गांव मिलकर मनाता है।
गांव में सभी धर्मों से जुड़े त्योहार सभी एक साथ मनाते है। इस बार होली पर्व पर भी ग्राम बलेली में पूर्व ब्लाक प्रमुख क्षमा वर्मा और प्रधान श्रीमती विलास देवी के द्वारा पूरे गावँ की महिलाओं को एकत्र कर उन्हें साड़ी और शूट वितरित किये गए। इस दौरान 7 मुस्लिम महिलाओं को शूट देकर होली पर्व की शुभकामनाएं दी गई है।
वही 53 हिन्दू महिलाओं को उम्दा किस्म की साड़ियां देकर होली पर्व की श7भकामनाये देते हुए होली और व्यवहारिकता के रंग को और मजबूती प्रदान की गई है। इस दौरान पुरुषों को पेंट शर्ट और सफारी सूट देकर त्योहार की शुभकामनाएं दी गई। गाँव मे कुल 140 को साड़ी और सूट सहित कुर्ता पैजामा तथा सफारी सूट प्रदान किये गए है। बलेली में भाईचारे की कॉपी अन्य लोगो के साथ माननीयों को लेनी चाहिए जो महज अपने रंग में रंगे नजर आते है आमजन की खुशी से उन्हें कोई लेना देना नही रहता है।
इस दौरान मैना देवी, फूलमती, कमला, रामश्री, जगदेवी, कलावती, नन्ही, राजरानी, फूलमती सेकेंड, राजेश्वरी, सत्यवती, सदावती, मुन्नी, मंजू, सोमवती, रामदेवी, चमेली, विमला, रामदेवी, सहित वही मस्लिम महिलाओं में रजिया बेगम, रब्बू बेगम, साबिर बेगम, परवीन बेगम, शकीला बेगम, सायरा बेगम, रेशमा वेगम पुरुषों में रामचन्द्र, पातीराम, बृजपाल, रघुबीर, श्रीकृष्ण, वीरपाल, पूरन, जदुवीर, फूलचन्द्र, नरेश, जागेश्वर, रामप्रसाद, लालता प्रसाद, सियाराम, संतराम, बाबूराम , रामौतार सहित तमाम ग्रामीण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट -अजीत मिश्रा शाहजहांपुर
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