देश प्रदेश भर में हर कोई एक दूसरे की मदद से ही आगे बढ़ता है। बुरे वक्त में करीबी साथी ही मदद को हाथ बढ़ाते है। ऐसे ही चौक कोतवाली इलाके में रहने वाले एक व्यापारी के बुरे दिनों में अनेक साथियों ने हाथ बढ़ाकर मदद कर दी थी। एकाध साथी यदा कदा अपने पैसों की डिमांड भी कर देते थे। इधर व्यापारी ने अपने प्रतिष्ठान को एक व्यक्ति के हाथों 1 करोड़ से ज्यादा में बिक्री कर दिया था। बुरे दौर के साथी ने भी कहा था अपने प्रतिष्ठान को बिक्री करना तो एक बार हमसे बात कर लेना। व्यापारी ने बगैर वार्ता किये अपना प्रतिष्ठान बिक्री कर दिया था। इससे उसका एक मित्र नाराज हो गया था। नाराज हुए मित्र ने अपने बकाए पैसों की मांग कर डाली थी।
यही उसकी सबसे बड़ी भूल भी कही जा सकती है। बताते है पैसों के लेन देन में सदर बाजार स्थित एक प्रतिष्ठित परिवार के करीबी मेहमान से व्यापारी का लफड़ा हुआ था। व्यापारी के द्वारा महानगर के अनेक व्यापारियों से अच्छे खासे पैसे उधार ले रहे थे। व्यापारी के द्वारा अपना प्रतिष्ठान बिक्री कर देने के बाद से हर कोई अपना पैसा वापस मांगने लगा था। इसी बात को लेकर व्यापारी से हुज्जत भी होती रहती थी। तंग आकर बताते है कुछ नशीला पदार्थ खा लिया था। व्यापारी को सुस्तावस्था की अवस्था मे मेडिकल में भर्ती कराया गया था। भर्ती के कुछ देर बाद ही व्यापारी के परिवार से जुड़े लोगों द्वारा महानगर के प्रतिष्ठित व्यापारिक दोस्तो पर ब्याज का धंधा करने जैसे आरोप लगा दिए गए है। महानगर भर में इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है कि अब कोई किसी की मदद करना भी पाप हो सकता है। बताते है नशीला पदार्थ इस्तेमाल करने वाले व्यापारी पर बैंकों का भी काफी पैसा बकाया है। बरहाल मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
अजीत मिश्रा शाहजहांपुर
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