प्रयागराज: उमेश पाल शूटआउट कांड में शामिल शार्प शूटर्स कहां है? यह किसी को नहीं पता. लेकिन यह तय है कि अतीक अहमद गैंग के दर्जनों वाहन शहर के भीतर ही हैं. क्योंकि वारदात के बाद से पुलिस शहर से लेकर जिले व जिले से सटे तमाम टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है. इन टोल प्लाजा से अतीक अहमद गैंग की कोई भी गाड़ियां क्रॉस होते नहीं दिखाई पड़ी है. ऐसे में सभी गाड़ियां शहर के भीतर ही कहीं छिपाई गई हैं. अब पुलिस इनकी तलाश में लग गई है.
पुलिस को लगता है कि गाड़ियों की शिनाख्त होने से शूटर्स व कातिल तक पहुंचने में मदद मिलेगी. इसमें फॉर्च्यूनर, सफारी, स्कॉर्पियो से लेकर कई सेडान लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि इन सभी गाड़ियों को पुलिस की कार्रवाई से शहर के किसी कोने में सुरक्षित व विश्वसनीय व्यक्ति के यहां छिपाया गया है. सूत्र यह भी दावा करते हैं कि किसी दबंग व प्रतिष्ठित व्यक्ति के ही यहां यह गाड़िया छिपाई गई हैं. ताकि किसी की नजर न पड़ सकें.
दर्जनों गाड़ियों से खुद चलती है माफिया की पत्नी
बहुचर्चित उमेश पाल मर्डर केस के बाद पुलिस को अब तक सीसीटीवी कैमरे में दिख रहे शार्प शूटर्स का लोकेशन नहीं मिल पाया है. अभी पुलिस की जांच चल ही रही थी कि अतीक अहमद गैंग की दर्जनों गाड़ियों का जिक्र व शहर के अंदर मौजूद होने की खबर आग की तरह फैल लगी है.
बता दें कि 24 फरवरी को हुए उमेश पाल शूटआउट कांड के बाद मृतक की पत्नी जया पाल ने अतीक, अशरफ, व अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन व उसके दो पुत्र, गुलाम, मुस्लिम गुड्डू समेत अन्य अतीक गैंग के सहयोगियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने की सूचना मिलते ही नामजद व अन्य सहयोगी भी फरार हो गए. फरार लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस ने जिले में जिले से सटे टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो कई चीजें चौकाने वाले निकल कर सामने आई.
आखिर कहां गईं ये सभी गाड़ियां
इसमें इक्का-दुक्का संदिग्ध गाड़ियों को छोड़कर कुछ नहीं दिखाई पड़ा. अब सवाल यही उठता है कि अगर इन कैमरों से होकर अतीक गैंग की गाड़ियां नहीं गुजरी तो आखिर यह सभी कहां गई. जो शहर में रोजाना चलती थी. यही नहीं आपको बता दें कि अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को अभी हाल ही में बसपा से मेयर का टिकट भी मिला है, ऐसे में वह रोजाना क्षेत्र में दर्जनों गाड़ियों से प्रचार व लोगों से जनसंपर्क करने के लिए निकलती थी. जिनमें फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो, सफारी व लग्जरी गाड़ियां तक मौजूद रहती थी, जो आप शहर के अंदर नजर नहीं आ रहे हैं.
ऐसे में अब क्राइम ब्रांच, एसओजी व एसटीएफ की पुलिस छुपाई गई गाड़ियों का ठिकाना ढूंढ रही है. पुलिस का दावा है कि ठिकानों से कुछ न कुछ अहम सुराग जरूर मिल सकता है. इन गाड़ियों को पनाह देने वाला काफी हद तक इस शूटआउट कांड के बारे में भी जानता होगा.
फॉर्च्यूनर लेकर निकले इंस्पेक्टर भी आएं चर्चा में
सूत्र बताते हैं कि अतीक की गैंग की गायब गाड़ियां ऐसे ठिकानों पर छुपाई गई है. जहां पर पुलिस की नजर न पड़ सकें और न ही उन ठिकानों के बारे में सोच सकें. अभी इन गाड़ियों की ढूंढने का प्रकरण चल ही रहा था कि जिले के एक उच्चधिकारी के नंबर पर एक शख्स फोन कर जो सूचना दिया वह चौंकाने वाला था.
सूत्र बताते हैं कि अधिकारी के नंबर पर फोन करने वाले शख्स ने बताया कि जिले का एक इंस्पेक्टर छुट्टी पर है और वह किसी की फॉर्च्यूनर गाड़ी लेकर निकला है, वह गाड़ी किसी और की नहीं बल्कि किसी गैंग के संबंधित व्यक्ति के नाम पर है. फिलहाल इस मामले में पुलिस अपने स्तर से गोपनीय जांच कर रही है, लेकिन इस पर कोई भी अधिकृत रूप से बोलने को तैयार नहीं है.
4 घंटे तक शहर में ही घूम रहे थे शूटर्स
सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो उस दौरान यह भी निकल कर सामने आया था, घटना को अंजाम देने के बाद कुछ शूटर्स शहर के अंदर एक-दो घंटे नहीं बल्कि 4 घंटे तक मौजूद थे. पुलिस की अब तक की कार्रवाई से मृतक परिवार उतना संतुष्ट नहीं है जितनी कार्रवाई की अपेक्षा उन्होंने की थी. पुलिस ने सबसे पहले 27 फरवरी को अरबाज नाम के बदमाश को मुठभेड़ में ढेर किया था, यह शख्स बताया जा रहा था कि घटना के दिन क्रेटा गाड़ी चला रहा था. लेकिन सीसीटीवी में इसका चेहरा सामने नहीं आया था.
वहीं, इस घटना में दिख रहे साबिर, गुलाम, अरमान और अतीक का पुत्र असद अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. जिन्होंने उमेश पाल व उसके गनर पर ताबड़तोड़ गोलियां व बम बरसाए थी. लेकिन बता दें कि अभी कुछ दिन पहले पुलिस ने कौंधियारा क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान विजय चौधरी उर्फ उस्मान को ढेर कर किया था. पुलिस का दावा है कि यह वही बदमाश है जिसने सबसे पहली गोली उमेश पाल पर दागी थी.
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