हरदोई: पहले लिखकर दो गोली नही मारूँगा- एनकाउंटर के डर से कांपा कैदी, बोला पुलिस को योगी ने सूंघा दी जड़ी बूटी


हरदोई: यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के राज में अपराधियों के बीच पुलिस का कितना खौफ है, इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि एक कैदी ने अपने इलाज के लिए लखनऊ जाने के लिए ये कहते हुए मना कर दिया कि पुलिस बीच रास्ते में एनकाउंटर कर देगी, इसलिए वो नहीं जाएगा. दरअसल सोमवार को हरदोई जिला जेल से एक कैदी को डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था. यहां पहुंचने के बाद कैदी रिजवान ने खूब हंगामा किया उसने डायलिसिस कराने से भी मना कर दिया. इतना ही नहीं लखनऊ मेडिकल कॉलेज भी पुलिस के साथ जाने के लिए राजी नहीं था.

रिजवान का कहना है कि सीएम योगी ने न जाने कौन सी बूटी सुंघा दी है कि पुलिस गोली मारने में माहिर है. इस दौरान रिजवान एक ही बात कहता नजर आया कि पुलिस उसे लिखकर दे कि रास्ते में गोली नहीं मारेगी, तभी वह पुलिस के साथ जाएगा. इस दौरान काफी देर तक हंगामा चलता रहा और आखिरकार हारकर पुलिसकर्मियों ने उसे गोली न मारने के लिए आश्वस्त किया जिसके बाद उस को इलाज के लिए ले जाया जा सका.


लिखित में दें कि गोली नहीं मारेंगे

दरअसल पिहानी का रिजवान अपनी पत्नी की हत्या के मामले में जिला कारागार में बंद है. पुलिस उसे पेट में कुछ समस्या होने पर मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी लेकर पहुंची थी. इस दौरान डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. जिसके बाद उसने गोली मारने का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया. पुलिस उसे समझाने में जुटी रही लेकिन वह घंटो ड्रामा करता रहा.

इस दौरान उसने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गोली मारने का आदेश दिया है इसलिए यह लोग उसे यहां से ले जा रहे है, उसे कोई बीमारी नहीं है वाबजूद इसके उसको ले जाया जा रहा है. ये योगी कि पुलिस है इसको पता नहीं किसने ऐसी बूटी सूंघा दी है जो गोली मारने में माहिर है. रिजवान ने पुलिस से कहा कि ‘लिखित में दें कि जैसे ले जाएंगे वैसे ही लेकर आएंगे तभी यहां से जाऊंगा, वरना कहीं नहीं जाएगा.’ घंटो चले ड्रामे को देखकर वहां भीड़ एकत्रित हो गई.

इस दौरान पुलिसकर्मी उसको इलाज के लिए ले जाने की बात कहते रहे, लेकिन वह उनकी ना सुनकर अपनी बातों पर अड़ा था. जिसके बाद पुलिस ने उसे समझा-बुझाकर एंबुलेंस में बैठाया और इलाज के लिए ले गई है. हालांकि लोगों का कहना है कि एक कैदी जब ऐसे बोल रहा है तो उसे क्या ही बीमारी है. जब वह ट्रॉमा सेंटर नहीं जाना चाहता था तो उसे जिला कारागार ले जाना चाहिए था. फिलहाल इस हंगामे को लेकर लोगों में तमाम तरह की चर्चा हो रही है.

सोर्स - टीवी9 


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