सहकारी समिति के चुनाव में सत्ता की सरपरस्ती में हुई लोकतंत्र की हत्या, खोखला साबित हुआ सुशासन, चुनाव अधिकारी पहुँचे ही नहीं,बंद कमरों में सत्तासीन लोगों तक सीमित रही चुनावी प्रकिया




  सुशासन और लोकतंत्र की दुहाई देने बाली भाजपा सरकार के शासन में लोकतंत्र की शर्मनाक हत्या का मामला सामने आया है।   

बिजुआ खीरी- आपको बताते चलें की जनपद लखीमपुर खीरी के ब्लॉक बिजुआ की किसान साधन सहकारी समिति पड़रिया तुला में चुनाव के लिए आज होना था नामांकन। समिति में सुबह से साम तक नही दिखे चुनाव अधिकारी व कोई कर्मचारी। वहीं निर्वाचन अधिकारी की उपस्थिति को लेकर शाखा सचिव से पूछने पर  शाखा सचिव ने बताया की निर्वाचन अधिकारी अभी तक न आए हैं न ही आयेंगे चुनाव गोपनीय तरीके से हो चुका है। वहीं उम्मीदवारों का आरोप है की सत्तापक्षीय नेताओं के कुछ व्यक्तिगत कार्यकर्ताओं द्वारा समिति में प्रशासक व डेलीगेट पद के लिए बिना निर्वाचन कराए सत्ता के मध में उक्त पदों पर जबरन नियुक्ति करने के उद्देश्य से आज भरे गए नामांकनों में से अत्यधिक नाम 45 दिनों के अंदर मतदाता सूची में नाम सम्मिलित के लिए आवेदन भरे गए हैं। तो वही कुछ नाम सूची में अपूर्ण हैं। 

सवाल उठता है की ऐसे मतदाताओं का मतदान करने का अधिकार नही होता है फिर ऐसे मतदाताओं को असंवैधानिक तरीके से सीधे उक्त पदों पर बैठना क्या लोकतंत्र  की हत्या नही है। वहीं उम्मीदवारों का आरोप है की समिति द्वारा उक्त सत्ता पक्षीय लोगों का गलत तरीके से मतदाता सूची में नाम अंकित करने के उद्देश्य से ही कल दिनांक 13/03/23 को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची प्रकाशित नही की थी। सही जांच होने पर आज बंद कमरे में नामांकन पत्र भरने वाले सत्तापक्षीय लोगों में से अत्यधिक फर्जी निकलेंगे। अब सवाल उठता है क्या किसानों का हक छीनने वालों पर मेहरबान है सरकार। या छोटे नेताओ की सह पर ही छीना जा रहा किसानों का अधिकार।

रिपोर्ट - नागेंद्र प्रताप शुक्ल 


 

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