बिजुआ खीरी आपने कभी सोचा है कि अक्सर लोग सफेद रंग के कपड़े पहनकर ही होली का त्योहार क्यों मनाते हैं। सफेद रंग के पीछे केवल फैशन ट्रैंड ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक महत्व भी है।
शास्त्रों में सफेद रंग को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना गया है। सफेद रंग पर हर रंग चढ़ता है। होली भाईचारे और प्रेम का त्योहार है और इसमें दूसरे के रंग में रंग जाना ही मकसद होता है। सफेद रंग की पवित्रता ही हमें इस त्योहार को साफ मन से बिना किसी वैमनस्य से खेलने की प्रेरणा देती है।
इतना ही नहीं हो सके तो हमें नए कपड़े पहनकर होली खेलनी चाहिए। मगर लोग ऐसा नहीं करते। लोग अपने घर में पुराने से पुराने कपड़े निकालकर होली खेलते हैं। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है। कपड़ा फाड़ होली नहीं नए वस्त्र में पवित्र भाव से होली खेलनी चाहिए।
होली के दिन कोई कपड़े पर रंग डाल देता है तो लोग बुरा मानने लगते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। दिल को खुश होना चाहिए कि किसी ने रंग डालने योग्य माना। सभी का सम्मान करते हुए प्यार और सौहार्द्र के साथ होली खेलनी चाहिए।
रिपोर्ट - नागेंद्र प्रताप शुक्ल
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