राबड़ी देवी से CBI की पूछताछ जारी, आवास के बाहर जुटे RJD कार्यकर्ताओं का शर्ट उतारकर प्रदर्शन

 



रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के मामले में सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई ने सोमवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर छापा मारा. इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को समन जारी कर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है.

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर सोमवार को सीबीआई की टीम पहुंची. सीबीआई राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी IRCTC घोटाला यानी जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में पूर्व सीएम से पूछताछ कर रही है.

बताया जा रहा है कि सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम राबड़ी देवी से पूछताछ करने पहुंची है. इस दौरान उनके बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव भी इसी आवास में मौजूद हैं. सीबीआई ने राबड़ी देवी को पूछताछ के लिए नोटिस दिया था. पहले ये पूछताछ सीबीआई दफ्तर में होनी थी. लेकिन बाद में उन्हें राहत देते हुए सीबीआई ने आवास पर ही पूछताछ करने का फैसला किया. राबड़ी देवी के वकील भी उनके आवास पर पहुंचे हैं. 


आवास के बाहर कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन 

उधर, राबड़ी देवी के घर के बाहर राजद कार्यकर्ता जुट गए. वे सीबीआई की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. कार्यकर्ता शर्ट उतारकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कार्यकर्ता सीबीआई और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. राबड़ी देवी के आवास पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. 


कोर्ट ने भेजा लालू, राबड़ी समेत 14 लोगों को समन

इससे पहले IRCTC घोटाला मामले में कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को समन जारी कर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. ये समन ऐसे वक्त पर जारी हुआ है, जब लालू सिंगापुर से हाल ही में गुर्दा बदलवाकर स्वदेश लौटे हैं.


IRCTC घोटाले में जांच कर रही सीबीआई

रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच कर रही है. एजेंसी ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी. इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी अभियुक्त हैं. आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था. भोला 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे. 

चार्जशीट दाखिल होने के बाद उस पर संज्ञान लेते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने कुल 14 लोगों को समन भेजा है. 15 मार्च को कोर्ट सभी आरोपियों से पूछताछ शुरू करेगा और उसके बाद आरोप तय किए जाएंगे.


क्या है मामला?

लैंड फॉर जॉब स्कैम 14 साल पुराना है. ये घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थी. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. 18 मई को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. 

सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं. 

 सीबीआई ने ये भी पाया कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. लेकिन, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई.

ED के मुताबिक, कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई. कुछ आवेदनों को तीन दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया. पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने उम्मीदवारों के आवेदनों को बिना पूरे पते के भी अप्रूव कर दिया और नियुक्त कर दिया. 

कुल मिलाकर लालू यादव एंड फैमिली ने कथित तौर पर 7 उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरी दी थी. इनमें से पांच जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो गिफ्ट के तौर पर दे दी गई थी. 




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