चित्रकूट: उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल से हैरान करने वाला खुलासा सामने आया है. जहां अब्बास अंसारी-निकहत मुलाकात मामले में चित्रकूट जेल के निलंबित जेल अधीक्षक सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, पूछताछ के बाद पुलिस ने निलंबित जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डर जगमोहन, सत्येंद्र कुमार , अभय प्रताप सिंह, पीयूष पांडेय को गिरफ्तार कर सस्पेंड कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि सभी आरोपी माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की बहू को जेल में मुलाकात कराने के मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसके बाद इन्हें लखनऊ जेल शिफ्ट किया गया है.
दरअसल, चित्रकूट जेल में गैरकानूनी तरीके से विधायक अब्बास अंसारी और उनकी पत्नी निकहत से मुलाकात के मामले में नया खुलासा हुआ है. जहां जेल प्रभारी कारापाल पीयूष पांडेय ने पूछताछ के दौरान बताया कि जेल अधीक्षक और जेलर के आदेश पर अब्बास और निकहत की मुलाकात बिना पर्ची के होती थी. उसने बताया कि बीते 10 फरवरी को निकहत की मुलाकात की पर्ची उसे नहीं दी गयी थी.
बिना पर्ची और तलाशी के होती थी मुलाकात- DIG रिपोर्ट
वहीं, इस केस की जांच करने वाले डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय की रिपोर्ट के मुताबिक. जेलकर्मियों ने अपने बयान में कहा कि अब्बास से मिलने आने वाले परिजनों को बिना पर्ची और तलाशी के मुलाकात कराने का आदेश जेल अधीक्षक अशोक सागर और जेलर संतोष कुमार ने दिया था. जांच में सामने आया है कि निकहत अंसारी ने 19 नवंबर 2022 से लेकर नौ फरवरी 2023 तक बीस बार पर्ची लगाकर अब्बास से मुलाकात की थी. इस दौरान निकहत के अलावा वकील अजय, भाई उमर और दोस्त नियाज भी मिलने आए थे.
जेलर के आदेश पर कमरे में कराई जाती थी निकहत की मुलाकात
जेल डीआईजी की जांच में चित्रकूट जेल के प्रभारी गेटकीपर जेल वार्डर सत्येंद्र कुमार ने बताया कि जेल अधीक्षक और जेलर ने अब्बास के परिजनों को बिना तलाशी और गेटबुक में ब्योरा दर्ज कराए मुलाकात कराने के निर्देश दिए थे. इसी तरह प्रभारी कारापाल पीयूष पांडेय ने बयान दिया है कि 10 फरवरी को निकहत की मुलाकात की पर्ची उसे नहीं दी गयी थी. जब उन्होंने डिप्टी जेलर चंद्रकला से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अब्बास की पूर्व से ही इसी तरह की मुलाकात अधीक्षक और जेलर के आदेश पर कारागार के अंदर वाले कमरे में कराई जा रही है.
निकहत के बैग की भी नहीं होती थी तलाशी
हालांकि, ये सिलसिला अब्बास के चित्रकूट जेल में आने के बाद से जारी है. जिसकी पुष्टि सीसीटीवी से की जा सकती है. इन मुलाकातों को प्रभारी मुलाकात, जेलर अथवा अधीक्षक ने रोकने का प्रयास भी नहीं किया. रिपोर्ट के मुताबिक, ड्यूटी पर तैनात जेल वार्डर जगमोहन सिंह और सत्येंद्र कुमार ने अब्बास अंसारी को पत्नी से मुलाकात करने के लिए कारागार के अंदर बिना किसी आदेश एवं मुलाकात पर्ची, जांच के अंदर आने दिया. इस दौरान उसने निकहत के बैग की तलाशी भी नहीं करायी. फिलहाल, दोनों को सस्पेंड कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है.
इसी तरह जेल वार्डर अभय प्रताप सिंह की ड्यूटी तलाशी लेने की थी. उन्होंने अब्बास को बिना तलाशी या आदेश के सेकेंड गेट से जाने दिया. जहां डीएम और एसपी की आकस्मिक चेकिंग के दौरान सेकेंड गेट से चुपचाप वापस आने दिया. इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही के निर्देश दिए गए. वहीं, हेड जेल वार्डर मुलायम सिंह ने बिना मुलाकात पर्ची दिए अब्बास की निकहत से मुलाकात करायी. उनको भी सस्पेंड कर दिया गया है.
जेल में निकहत के मोबाइल और टिफिन की कराई गई एंट्री
इसके साथ ही हेड जेल वार्डर जगदीश प्रसाद की जिम्मेदारी थी कि कारागार में एंट्री करने वाले हर शख्स की तलाशी करायी जाए. उनके शिथिल पर्यवेक्षण की वजह से निकहत मोबाइल, टिफिन आदि लेकर प्रवेश कर गई. उनके खिलाफ भी अनुशासनिक कार्यवाही किए जाने की संस्तुति की गयी. इसी तरह प्रभारी कारापाल पीयूष पांडेय को भी अपनी जिम्मेदारियों का पालन ना करने पर सस्पेंड कर दिया गया है.
अब्बास को हाई सिक्योरिटी की जगह क्वारंटीन में रखा
डीआईजी की पहली रिपोर्ट पर मुख्यालय ने तमाम सवाल उठा दिए. जिसके बाद उन्होंने अपनी दूसरी रिपोर्ट सौंपी है. जिसमें कहा गया कि हाईप्रोफाइल कैदी अब्बास अंसारी को हाई सिक्योरिटी बैरक की जगह क्वारंटीन बैरक में किसके आदेश पर रखा गया था? इसकी जानकारी नहीं मिल सकी. जिस कमरे में अब्बास और उसकी पत्नी से मुलाकात करायी जाती थी, वह पहले डिप्टी जेलर चंद्रकला को आवंटित था.
बीते नवंबर में अब्बास की निकहत से मुलाकात से पहले अतिरिक्त चार्ज मिलने की वजह से वह दूसरे कमरे में बैठने लगी थी. मुलाकात वाला कमरा किसी को आवंटित भी नहीं किया गया था. जेल अधीक्षक और जेलर ने अपने बयान में कहा कि 14 मई 2021 को जेल में हुई गोलीबारी की वजह से सुरक्षा के मद्देनजर अब्बास की निकहत से इस कमरे में मुलाकात करायी जाती थी.
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